हरियाणा के सिरसा जिले के रानियां ब्लॉक का प्रसिद्ध गांव खारिया वर्तमान में अनुचित कारणों से सुर्खियों में है। कुछ दिन पूर्व चार युवकों द्वारा महिला थाना सिरसा पर ग्रेनेड फेंकने की घटना के बाद पूरे गांव में भय का माहौल है। कभी राजनीतिक प्रभाव और कृषि की मजबूती के लिए जाना जाने वाला यह गांव अब नशे और आतंक की समस्या से जूझ रहा है।150 लड़कों का ग्रुप था, कोई नशा करने की वीडियो बनाता तो फोन छीनकर तोड़ देते थे चार युवकों ने महिला थाना सिरसा पर ग्रेनेड फेंका। खारियां गांव के इन युवकों ने ऐसा काम किया जिससे पूरे गांव का सिर झुक गया। गांव वाले खुद को शर्मिंदा महसूस कर रहे हैं और यहां खुले आम बिकने वाले नशे को लेकर चिंतित भी है।
दोपहर को 2 बजे गांव की सबसे बड़ी चौपाल पर 25 से 30 लोग जमा थे। नाम न छापने की
शर्त पर एक-एक करके सबने वहीं रानियां। रो-रो कर व्यथा सुनाते धीरज के माता-पिता ।
बात दोहराई – “विकास धारीवाल का 150-200 लड़कों का ग्रुप था। दिन में 2 बजे भी सड़क पर इंजेक्शन लगाते थे। कोई वीडियो बनाता तो धमकाकर फोन तोड़ देते या वीडियो डिलीट करवा लेते। सप्लायर गांव के ही 10-12 घर है, सबको पता है। पुलिस कभी नहीं आई। अब ग्रेनेड फट गया तो सब जागे हैं। 70 साल के बुजुर्ग ने खुलकर कहा, 30 साल पहले गांव में शराब भी छिपाकर पीते थे। आज गली के नुक्कड़ पर चिट्टा बिकता है। एक घर में भाई चिट्टे से मर गया, उसका दूसरा भाई आज भी बेच रहा है। हम चुप रहे, पंचायत चुप रही, इसलिए आज गांव ‘आतंकियों का गांव’ कहलाने की कगार पर है। यह कहानी 10 हजार की आबादी वाले रानियां खंड के सबसे बड़े गांव खारिया की है। यह गांव, जो कभी राजनीतिक रसूख और खेती-बाड़ी की समृद्धि के लिए पूरे हरियाणा में मशहूर था। आज आतंकियों की वजह सुर्खियों में है । नशा बेचने वालों और नशा करने वालों पर सख्त कदम उठाएगी ग्राम पंचायत: सरपंच प्रतिनिधि तेग बहादुर पूनिया, सरपंच प्रतिनिधि ने बताया कि ग्राम पंचायत अब नशा बेचने वालों और नशा करने वालों—दोनों के विरुद्ध कड़े कदम उठाएगी। गांव ने मिलकर नशा विरोधी समिति बनाने का निर्णय लिया है। जल्द ही कमेटी का गठन कर अभियान शुरू किया जाएगा। जिसमें नशेडियों का इलाज करवाया जाएगा तथा नशा बेचने वालों को सलाखों के पीछे पहुंचाया जाएगा। गांव की छवि सुधारने के लिए सामूहिक प्रयास किए जाएंगे पूनिया ने कहा “इन युवकों ने पूरे गांव ही नहीं, देश का नाम खराब कर दिया। अगर अब भी लगाम नहीं कसी ‘गई तो लोग हमें ‘देशद्रोहियों का गांव’ कहने लगेंगे। ”
नशे की चपेट में आकर आतंकी बने युवाओं के परिजनों का दर्द उन्हीं की जुबानी…
विकारा: चाचा बोले- जितनी जल्दी फांसी हो, उतना अच्छा
विकास कुमार के घर का माहौल सबसे भारी है। चाचा रामकुमार की आवाज कांप रही थी। विकास 8वीं
तक पढ़ा था, चौथी कक्षा तक पढ़ाई गांव के स्कूल से तथा बाकी पढ़ाई ननिहाल जोधपुर-ओसियां में की थी। बाद में पेंटर बन गया, पर नशा कब करने लगा, पता नहीं चला। वो हमें कहता था बीकानेर में होटल मैनेजमेंट करता हूं।’ शनिवार को एसआईटी घर लेकर आई थी पासबुक और कपड़े लेकर चली गई। हमारा लड़का तो गया… जितनी जल्दी फांसी हो जाए, उतना अच्छा। कम से कम समाज में फिर मुंह दिखा सकेंगे। विकास धारीवाल : कुसंगत ने खिलाड़ी को कर दिया बर्बाद मां लक्ष्मी देवी की आंखों में आज भी अपने बेटे का पुराना चेहरा घूमता है। बारहवीं में 80 प्रतिशत नंबर लाया था। कबड्डी- कुश्ती में राज्य स्तर पर मेडल जीते थे। गांव में सब कहते थे ये बड़ा नाम कमाएगा। लेकिन दोस्तों की कुसंगत ने सब बर्बाद कर दिया। 4 साल पहले प्रेम-विवाह जीविषा के साथ लव मैरिज की थी। जीविषा बताती है कि शादी के दो महीने बाद पता चला कि छह महीने से चिट्टे के इंजेक्शन ले रहा है। दो एकड़ पुश्तैनी जमीन नशे में बिक गई। दादी स्कूल में स्वीपर हैं, उसी की पगार से घर चलता है। नशा मुक्ति केंद्र भेजा तो दूसरे दिन भाग आया।
संदीप : पिता के देहांत के बाद पढ़ाई छोड़कर बन गया नशेड़ी नशा और आतंक के साए में फंसे गांव खारिया निवासी संदीप की मां अमरजीत घर में बैठी रोते-रोते बताती है, 2018 में इसके पापा चल बसे। बस वहीं से इसका सारा डर खत्म हो गया। सातवीं के बाद स्कूल छुड़वा दिया, बकरियां चराने लगा। उसी दौरान चिट्टे की लत लग गई। नशा छुड़वाने कई बार केंद्र ले गई, पर दूसरे दिन भाग जाता। घर में बिजली 8-9 महीने से कटी है। फ्रिज, टीवी सब बिक गए। कभी-कभी सोचती हूं – इसे पैदा ही क्यों किया ?” शनिवार को पुलिस ने सारे कागजात, कपड़े और मोबाइल जब्त कर लिए। धीरज : एक माह पहले आया था, 30 दिन में हो गया खेल इस हमले का मास्टर माइंड रहे धीरज के पिता विनोद और ताऊ भाल सिंह हैरान हैं। लड़का 3.5 साल से बैंगलोर में पत्थर काटने का काम करता था। हर महीने 30 हजार हमारे खाते में डालता था। एक महीना पहले गांव आया था। नया फोन लिया, नया सिम लिया और इसी एक महीने में पूरा खेल रच दिया। पहले कभी इतने दिन गांव नहीं रुका। नशा कब शुरू किया, पता ही नहीं चला। ” चाचा ने कहा लोग हमें देशद्रोही का परिवार कह रहे हैं। नशा बिकेगा तो हमारे बच्चे आतंक के जाल में फंसेंगे।150 लड़कों का ग्रुप… वीडियो बनाते तो फोन छीनकर तोड़ देतेहरियाणा के गांव खारिया में नशे का आतंक, ग्रेनेड कांड के बाद गांव का दर्द उभरकर सामने आया
हरियाणा के सिरसा जिले के रानियां ब्लॉक का मशहूर गांव खारिया आज गलत कारणों से सुर्खियों में है। कुछ दिन पहले चार युवकों द्वारा महिला थाना सिरसा पर ग्रेनेड फेंकने की घटना के बाद पूरे गांव में हड़कंप मचा हुआ है। कभी राजनीतिक रसूख और खेती-बाड़ी की मजबूती के लिए पहचाना जाने वाला यह गांव अब नशे और आतंक की मार झेल रहा है।दोपहर 2 बजे गांव की बड़ी चौपाल पर लगभग 25-30 लोग इकट्ठा हुए। नाम न बताने की शर्त पर गां वालों ने खुलकर अपनी व्यथा सुनाई—
विकास धारीवाल का 150-200 लड़कों का ग्रुप था।
दिन-दहाड़े इंजेक्शन लगाते थे।
कोई वीडियो बनाता तो धमकाकर फोन तोड़ देते या डिलीट करवा देते।”
गांव वालों का आरोप है कि 10-12 घरों में खुलेआम चिट्टा (हेरोइन) बिकता है, सबको पता है, लेकिन अब तक पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
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