राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान परिषद (NCERT) की समिति ने स्कूल की सभी कक्षाओं की पुस्तकों में ‘Bharat’ की जगह ‘India’ लिखने की सिफारिश की है। इससे फिर से ‘India vs India’ अभियान को मजबूती मिली है। संसद की विशेष सत्र से पहले एक संभावना उठी थी कि सरकार देश के नाम और इससे जुड़ी सभी संस्थाओं में ‘India’ की जगह ‘Bharat’ के लिए एक संकल्प पारित कर सकती है। इसके लिए संविधान संशोधन विधेयक लाने की भी संभावना थी, हालांकि संसद सत्र में महिला आरक्षिति विधेयक पेश किया गया था, जिसे ‘Nari Shakti Vandan Act’ कहा गया।
NCERT केंद्रीय संस्था है, जो स्कूल शिक्षा से संबंधित मुद्दों पर केंद्र और राज्य सरकारों को सलाह देती है। यह स्कूल शिक्षा के संबंधित सभी नीति निर्माण का काम करती है। NCERT की पुस्तकें अधिकांश स्कूलों में पांचवीं से बारहवीं कक्षा तक पढ़ाई जाती हैं। छात्रों को सिविल सेवा और अन्य प्रकार की प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के लिए भी NCERT की पुस्तकें पढ़ने की सलाह दी जाती है।
NCERT कमेटी के अध्यक्ष C.I. Isek ने कहा कि पैनल ने सभी विषयों में भारतीय ज्ञान प्रणाली लाने की सिफारिश की है। विद्यार्थियों को पुस्तकों के माध्यम से प्राचीन इतिहास की जगह शास्त्रीय इतिहास सिखाया जाएगा।