हिन्दू देवी-देवताओं के चित्रों, मूर्तियों और प्रतीकों के सबसे प्राचीन साक्ष्य

हिन्दू देवी-देवताओं के **चित्रों, मूर्तियों और प्रतीकों** के सबसे प्राचीन साक्ष्य प्रागैतिहासिक काल से लेकर सिंधु सभ्यता और आगे की भारतीय सभ्यताओं में मिलते हैं। नीचे कालक्रम अनुसार स्पष्ट और प्रमाणिक जानकारी दी जा रही है:

# ✅ **1. प्रागैतिहासिक (Prehistoric) साक्ष्य – 10,000 वर्ष या अधिक पुराने**

### **भीमबेटका गुफाएँ (मध्य प्रदेश)**

* यहाँ कुछ चित्रों में **त्रिशूल, ध्यानस्थ योगी आकृतियाँ** और धार्मिक प्रतीक दिखाई देते हैं।
* इन्हें सीधे किसी देवता से जोड़ना कठिन है, पर **आध्यात्मिक प्रतीकों का प्रारंभिक रूप** माना जाता है।

# ✅ **2. सिंधु घाटी सभ्यता (3300–1500 BCE) – सबसे प्राचीन ठोस प्रमाण**

सिंधु सभ्यता के कई चित्र, मूर्तियाँ और मुहरें हिंदू देवी-देवताओं के प्रारंभिक रूप दिखाती हैं।

### **(A) ‘पशुपति मुहर’ (मोहनजोदड़ो)**

* एक व्यक्ति **योगासन में**, चारों ओर जंगली जानवर।
* बहुत से विद्वानों ने इसे **भगवान शिव का प्राचीनतम रूप** माना है।

### **(B) मातृदेवी (Mother Goddess) मूर्तियाँ**

* अत्यधिक संख्या में स्त्री मूर्तियाँ मिली हैं—
इन्हें **शक्ति / देवी** या **उर्वरता देवी** का प्रारंभिक स्वरूप माना जाता है।

### **(C) शिव-लिंग के प्रारंभिक रूप**

* कई स्थानों से **लिंग के आकार के पत्थर** मिले हैं, जिन्हें शिव-उपासना की शुरुआत माना जाता है।

👉 **इस काल को हिंदू देवी-देवताओं के चित्रीय व मूर्तिक साक्ष्यों का सबसे प्राचीन और प्रमाणिक स्रोत माना जाता है।**

# ✅ **3. वैदिक काल (1500–500 BCE)**

* इस काल में **इंद्र, अग्नि, वरुण, उषा** आदि देवी-देवताओं की पूजा थी।
* **स्पष्ट चित्र नहीं**, लेकिन **यज्ञ एवं धार्मिक प्रतीक** मिले हैं (जैसे अग्नि-कुण्ड, यूप-स्तंभ)।
* चित्रों की जगह मौखिक परंपरा और वेदों पर आधारित पूजा थी।

# ✅ **4. महाजनपद, मौर्य और शुंग काल (600–100 BCE)**

### **अशोक स्तंभ और यक्ष–यक्षिणी मूर्तियाँ**

* **यक्ष / यक्षिणी** देवी रूपों का सबसे पुराना मूर्तिक प्रमाण (मौर्य काल में)।
* शुंग काल में **भगवती, नागदेव, सूर्य** आदि के शुरुआती चित्र दिखते हैं।

# ✅ **5. कुषाण और गुप्त काल (100–600 CE) – विकसित रूप**

* **विष्णु, शिव, लक्ष्मी, दुर्गा, कार्तिकेय, गणेश** आदि के शानदार मूर्तिक रूप बनने शुरू हुए।
* इस काल की मूर्तियाँ ही आगे चलकर हिंदू कला का आधार बनीं।

# 📌 **सबसे प्राचीन साक्ष्य का निष्कर्ष**

| देवी/देवता | सबसे प्राचीन साक्ष्य | समय |
| ————————– | —————————————– | ————- |
| **शिव (पशुपति)** | सिंधु सभ्यता की ‘पशुपति मुहर’ | 2500–1800 BCE |
| **देवी/शक्ति** | मातृदेवी मूर्तियाँ (सिंधु) | 2600 BCE |
| **लिंग-पूजा** | पत्थर के लिंगाकार प्रतीक (सिंधु) | 2400 BCE |
| **विष्णु** | गुप्त काल की मूर्तियाँ | 300–500 CE |
| **गणेश** | 2nd–4th century CE की प्रारंभिक मूर्तियाँ | 200–300 CE |
| **दुर्गा/महिषासुरमर्दिनी** | कुषाण काल की मूर्तियाँ | 100–300 CE |

# 📘 **संक्षेप में**

👉 **हिंदू देवी-देवताओं के सबसे प्राचीन चित्र और मूर्तियाँ मुख्यतः सिंधु घाटी सभ्यता (2500–1500 BCE) में मिलती हैं।**
यही भारतीय उपमहाद्वीप में धार्मिक प्रतीकों का सबसे पुराना पुरातात्विक प्रमाण है।

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