Swami Prasad Maurya, एक SP (Samajwadi Party) नेता, को Uttar Pradesh के Lucknow High Court के बेंच से बड़ा झटका मिला है। उनकी Ramcharit Manas की प्रतियां जलाने के मामले में दायर की गई याचिका को खारिज किया गया है। Swami Prasad Maurya ने Uttar Pradesh में Ramcharit Manas की प्रतियों को जलाने के मामले में बड़ा पराजय सहा है। Lucknow High Court के बेंच ने सोमवार को Swami Prasad Maurya की याचिका का सुनवाई की। Judge Vidyarthi ने स्वामी की याचिका को खारिज किया और उनकी FIR-chargesheet को खारिज कर दिया। Judge Vidyarthi ने पुस्तक Shri Ramcharitmanas के साथ अवभाव के लिए याचिककर्ता को डांटा और उनकी याचिका को खारिज किया। सरकार की ओर से AAG Vinod Shahi और सरकारी वकील VK Singh ने मामले को प्रस्तुत किया।
Swami Prasad Maurya बहुत समय से Ramcharit Manas के कुछ चौपाईयों के संदर्भ में एक मुख पर खोल चुके हैं। इस बहाने, वे Hindu धार्मिक ग्रंथों, जाति व्यवस्था और जाति भेद के मुद्दे को उठाकर राजनीतिक माहौल को गरम करने का प्रयास कर रहे हैं। Swami Prasad Maurya के कुछ समर्थकों ने Ramcharit Manas की प्रतियों को भी जलाया। Hindu संगठन, धार्मिक गुरु और संतों ने इसके खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने Sant Samaj को आतंकवादी और फांसीदारों के रूप में वर्णित किया है, और उनके Mahant Raju Das के साथ झगड़े की भी एक घटना हुई है। उनकी Mahant Raju Das के साथ झगड़े की video भी viral हो गई थी।
कानूनी विशेषज्ञ कहते हैं कि यदि Swami Prasad Maurya के खिलाफ लगे आरोप सिद्ध होते हैं, तो उन्हें जाति द्वेष उत्तेजना या सांप्रदायिक सद्भाव के माहौल को बिगाड़ने जैसे आरोपों पर दस साल की कैद की सजा हो सकती है।