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पितरों को प्रसन्न करने के लिए ये 16 दिन हैं बेहद खास, तर्पण के बाद नियमित रूप से करें ये काम

Posted on September 27, 2023September 27, 2023 by srntechnology10@gmail.com

पितरों को प्रसन्न करने के लिए ये 16 दिन हैं बेहद खास, तर्पण के बाद नियमित रूप से करें ये काम

हिंदू धर्म में पितृ पक्ष, पितरों को याद करने का विशेष पर्व है. इस साल 29 सितंबर, भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष के पूर्णिमा तिथि से आरंभ हो रहा है. इस दौरान हिंदू परंपरा अनुसार पूर्वजों को याद और उनको तृप्त करने के लिए श्राद्ध कर्म किए जाते हैं. इससे खुश होकर अपने वंश को पितर आशीर्वाद सुख और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं.

पितृदोष

पूर्व जन्म के पापों या पितरों के शाप के कारण कुंडली में पितृदोष होता है. इस दोष के कारण पिता को मृत्यु तुल्य कष्ट तो होता ही है, साथ ही जातक के भाग्योदय में बाधा आती है. कुंडली का नौवां घर धर्म का घर कहलाता है, यह घर पिता का भी होता है. अगर किसी भी प्रकार से नौवां घर खराब ग्रहों से ग्रसित हो तो यह सूचित करता है कि पूर्वजों की इच्छाएं अधूरी रह गई थी. शास्त्रों में पितृदोष को दूर करने के लिए कई सार्थक उपाय बताए गए हैं जिनका अनुसरण कर, अपनी योग्यता के अनुसार पितरों को तृप्त कर उनका आशीर्वाद पा सकते हैं.

इन उपायों से कम करें पितृदोष का असर

सोमवती अमावस्या को पीपल के पेड़ की पूजा करने के पश्चात् एक जनेऊ पीपल के पेड़ और एक जनेऊ भगवान विष्णु के नाम का उसी पीपल को दीजिए. इसके बाद एक सौ आठ परिक्रमा उस पीपल के पेड़ की करें. हर परिक्रमा के बाद एक मिठाई अपनी सामर्थ्य अनुसार पीपल को अर्पित कीजिए. परिक्रमा करते वक्त ‘ऊं नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करते रहें. परिक्रमा पूरी करने के बाद पीपल के पेड़ और भगवान विष्णु से प्रार्थना कीजिए कि जाने- अनजाने में जो भी अपराध हुए हैं, उन्हें क्षमा करें.
कौओं और मछलियों को चावल और घी मिलाकर बनाए गए लड्डू हर शनिवार को खिलाएं.
किसी गरीब परिवार को अनाज का दान करें, सदैव संभव न हो तो कम से कम पितर पक्ष में ऐसा करें.
गाय को चारा खिलाएं उसकी सेवा करें, पक्षियों को जौ के दाने भी खिलाएं.
सूर्य अथवा चंद्र ग्रहण के दिन सात अनाज से तुला दान करें, बच्चे का तुला दान अवश्य ही होना चाहिए.
कुलदेवता की पूजा अर्चना भी नित्य करनी चाहिए. कोई भी शुभ अवसर तीज त्योहार आदि में पितरों के नाम से भी भोजन अलग करें.

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