केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए अपने कर्मचारियों के चुनिंदा समूह को पुरानी पेंशन योजना चुनने का एक मौका दिया है। पुरानी पेंशन पर चल रही बहस के बीच कार्मिक मंत्रालय ने इस सिलसिले में आदेश जारी कर दिया है। राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) को अधिसूचित किए जाने की तारीख 22 दिसंबर, 2003 से पहले विज्ञापित या अधिसूचित पदों के तहत केंद्र की सेवाओं में शामिल होने वाले कर्मचारी केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम के तहत पुरानी पेंशन योजना में शामिल होने के पात्र हैं। संबंधित सरकारी कर्मचारी 31 अगस्त, 2023 तक इस विकल्प का उपयोग कर सकते हैं।
मंत्रालय ने कहा कि इस संबंध में आवेदनों और अदालती फैसलों के बाद यह कदम उठाया गया है। एक जनवरी, 2004 से पहले
विभिन्न अदालती फैसलों के बाद केंद्र ● सरकार ने उठाया कदम
• 31 अगस्त तक कर्मचारी विकल्प का उपयोग कर सकते हैं
22 दिसंबर, 2003 से पहले विज्ञापित या अधिसूचित पदों के कर्मचारी होंगे
नियुक्त कर्मचारियों ने सरकार को आवेदन देकर कहा था कि उनकी नियुक्ति के लिए जो विज्ञापन जारी हुआ या अधिसूचना जारी हुई, उस समय पुरानी पेंशन योजना लागू थी। विभिन्न उच्च न्यायालयों और केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण ने भी ऐसे कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने का आदेश दिया है।
विधि संवाददाता, लखनऊ: गोवध को लेकर एक याचिका को खारिज करने के साथ इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने कहा कि जो लोग गाय का वध करते हैं वे नर्क में जाते हैं और नर्क में उन्हें उतने वर्ष तक रहना पड़ता है जितने उनके शरीर में बाल होते हैं। यह आदेश जस्टिस शमीम अहमद की एकल पीठ शुक्रवार को दिया है।
कर्मचारियों की संस्था नेशनल मूवमेंट फार ओल्ड पेंशन स्कीम ने सरकार के फैसले का स्वागत किया है।