एक तरफ जहां पर पिछले कई दिनों से मणिपुर में हो रही हिंसा के चलते बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है. वहीं, खुफिया एजेंसियों से मिल रही जानकारी से यह पता चला है कि भारत म्यांमार सीमा से सटे म्यांमार के इलाकों में म्यांमार के उग्रवादी गुटों और म्यांमार की सेना के बीच कई जगह झड़पें हुई है. भारत म्यांमार सीमा के इलाकों में कई उग्रवादी गुटों के कैंप हैं, जहां पर दोनों देशों की सेनाएं अपने अपने इलाकों में सक्रिय उग्रवादी गुटों के खिलाफ ऑपरेशन करती रहती हैं. इसी सिलसिले में पिछले एक हफ्ते से म्यांमार की सेना भारत-म्यांमार सीमा के अपने इलाकों में सक्रिय उग्रवादी गुटों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है.
भारत ने उठाया ये बड़ा कदम
भारतीय खुफिया एजेंसियों को आशंका है कि म्यांमार सेना की कार्रवाई के चलते उग्रवादी गुट भारतीय सीमा में घुसपैठ करने की कोशिश कर सकते हैं. ऐसे में असम राइफल्स (Assam Rifles) से भारत-म्यांमार सीमा के इलाकों में सतर्कता बढ़ाने के लिए कहा गया है. ज़ी मीडिया को सूत्रों से मिली जानकारी से यह पता चला है कि म्यांमार के खंपट (Khampat) इलाके में उग्रवादी गुटों और म्यांमार सेना के बीच कई जगहों पर झड़प हुई है. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह ये है कि म्यांमार सेना ने पिछले हफ्ते उग्रवादी गुटों के कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया था, जिन्हें म्यांमार सेना से छुड़ाने के लिए उग्रवादियों ने म्यांमार सेना पर भी हमला किया है. ऐसे में बॉर्डर पर चल रही स्थित को देखते हुए असम राइफल्स से बॉर्डर की सख्त निगरानी करने को कहा गया है.
कार्रवाई के बाद अक्सर दूसरे इलाके में चले जाते हैं उग्रवादी
भारत म्यांमार की सीमा खुली होने की वजह से जब भी दोनों देशों की सेनाएं अपने-अपने इलाकों में सक्रिय उग्रवादी गुटों के खिलाफ कार्रवाई करती हैं तो ऐसे में उग्रवादी गुट बॉर्डर को पार करके दूसरे सुरक्षित इलाकों में चले जाते हैं. भारतीय सेना और म्यांमार की सेना पिछले कुछ सालों में आपसी सहयोग के जरिए बॉर्डर पर सक्रिय उग्रवादी गुटों के खिलाफ कार्रवाई करती रही है. ऐसे में इन उग्रवादी गुटों को काफी नुकसान भी हुआ है. हालांकि, जिस तरीके से इन उग्रवादी गुटों को चीन के बने आधुनिक हथियार मिल रहे हैं. उससे सुरक्षा चिंताएं बढ़ गई हैं.